क्रम संख्या
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रचना
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राग
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ताल
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1
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नयो होली खेलन को खिलारी रे
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झिंझोटी
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मोपे बरजोरी रंग डार गयो री
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भैरवी
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2
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3
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आज मैं हरि संग होरी खेलन गोरी जाऊंगी, सास लरो तो लरो
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खम्भावती
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चांचर
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2
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4
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मोरी चुनरी बिगारी रंग डार डार, तासे बरज बरज रही बार बार
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काफी
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तीन
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2
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5
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मोही मग निकसन देत न कान्हा, नयो होरी खेलन को फिरे री दीवाना
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भैरवी
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तीन
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2
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6
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होरी खेले मग गुमान भरो री कान्हा मोही सखि अब पनघट परी री जान
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भैरवी
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त्रितंल
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2
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7
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मेरी रंग में भिजोय दर्इ साड़ी री, बाट चलत ऐसो निपट अनारी रे
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झिंझोटी
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तिताला, दादरा
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2
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8
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गुरूजन हम संग रार करत हैं
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सुधरर्इ
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त्रिताल
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2
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9
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डार गयो पिचकारी चलत डगर, निपट निडर बरजत वरजत
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विहाग ध्रुपद
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2
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10
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मोसे करत फिरत नित रार री जसोधा को नन्दन
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मालकौंस
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धम्माल
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2
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11
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कैसो री अनारी, भरत पनघट जल मारत पिचकारी
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हिंडोल
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धम्माल
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2
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12
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हिय धरकत जा कैसी जाऊं, सखि पनियां भरन पनघट
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शोरठ
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एकताल
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2
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13
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कित गयो रि कित गयो रि कित गयो रि, रंग डार
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शुक्ल होली
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झपताल
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2
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14
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जाने दे रे ना मार पिचकारी डगर बीच मेरी नर्इ चुनर भीजेगी लंगर
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गारा
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तिताला
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2
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15
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हां री नणद तू मोसे कोहे नित करत झगरो
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धानी
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झपताल
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2
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16
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खेलत होरी ठाडो अरी मेरी पौर
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भैरवी
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धम्माल
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2
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17
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मेरे री आवत आंगन धूम मचावत गावत होरी धमार
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हमीर
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धु्रपद
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2
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18
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अरे रंग किन डारो रे
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शोरठ
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तिताला
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2
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19
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मारो न भर पिचकारी जाऊं तोेपे वारी
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भैरवी
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तिताला
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2
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20
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तुम न मानोगे मैं दूंगी गारी, मारो मारो ना पिचकारी बिहारी
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भैरवी
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तिताला
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2
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21
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होरी खेलत मग बिहारी, मै ं कैसे जाऊं जमुनी री प्यारी
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वागेश्वरी
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एकताल
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2
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22
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मै कैसे पनियां लाऊं सखी री, लिये भर पिचकारी ठाडो
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घानी
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तिताला
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2
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23
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रंग भर भर पिचकारिन बीच डगर अंग परसत निपट अनारी
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तोड़ी
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धम्माल
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2
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ये मोहि नीकी न लागे तिहारी मुरारी, डगर में चलत भरमारी पिचकारी
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विहाग
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झपताल
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2
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25
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बृज डगर डगर नगर नगर धूम मचार्इ री
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सुघरर्इ
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तिताला
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2
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26
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बाट चलत नर्इ चुन्नरी रंग डारी रे
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भैरवी
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तिताला
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2
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27
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देखो तो भर मारी ·, रंग की पिचकारी
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विहाग
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आडा चौताला
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2
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28
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जाने देरे जाने देरे जाने देरे हट हट मोसे काहि मग करत झगरो
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कान्हरा
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सूल
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2
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29
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डारे जा डारे जा डारे जा रंग
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भैरवी
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तिताला
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2
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मेरी चुनरी विगार दर्इ
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खम्माच
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तिताल
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2
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ये तोहे कहा वान परी, छोरा गैल आन अचानक
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खम्माच
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तिताल
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2
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छाड दे मोहि घर लगर जान दे, मै तोरी विनती करत हूं
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शोरठ
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तिताल
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2
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33
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डगर चलत मार गयो रंग की भर पिचकारी
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मुल्तानी जौनपुरी
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तिताला
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2
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34
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नंद किशोर लो मेरो री वैर परोरी
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भैरवी (त्रिताल)
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जौनपुरी (झपताल)
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2
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मदन मोहन, मुरलीधर ठाडो, डगर खेलत होरी
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पीलू बरुआ
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रूपक
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2
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आवत कहूं रंग भरी पिचकारी कर में
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पीलू
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तिताल
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2
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फोर देर्इ मोरी जल की मटकि गोरी
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तिलंग खमाज
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तिताल
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2
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38
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मार गयो री मेरे भोर भोर पिचकारी भर
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काफी
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तिताला
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2
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39
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छाडो मेरो मग जल भरन जाने दे रे, मैं तोसे
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खम्माच पूर्वी
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2
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40
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झगरो करत काहंू न डरत, नित मोसे अटके
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सोहनी
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दादरा
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2
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तू आवत क्यों मोरे ले पिचकारी मोरे, तोसे न बोलूं
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षट आसावरी
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2
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अरी कैसी करूं माने नहीं नयो खिलारी
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गारा
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तिताला
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2
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आवन दे आवन दे आवन दे रे, दिन होरी के
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सुधरर्इ
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तिताला
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2
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44
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पनिआ भरन मोपे डारो न रंग
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भैरवी
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दादरा
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2
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45
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दधि बेचन जाने दे
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भैरवी
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दादरा
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2
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46
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सुनो सुनो जी न डारो डारो न मोपे रंग
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भैरवी
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तिताला
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2
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Audio
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47
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मारी क्यों भर रे अनारी पिचकारी मेरे
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गौरी
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तिताला
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2
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48
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प्यारे तू मोसे काहे डगर करत नित रार रे
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भीम
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झपताल
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2
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49
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रंग भर पिचकारी जिन मारे
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तोड़ी
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आड़ा
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2
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50
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सुन डगर चलत रंग नाडारे नाडारे, नंद दुलारे
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भैरवी
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तिताला
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2
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51
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नर्इ चुनरी रंग बोर देर्इ आज
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भैरवी
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तिताल
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2
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